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करें सदा वही जतन उन्नति करे वतन रहे अमन प्रफुल्लित रहें वतन के हित सतत् ही रत सभी जनों को है नमन घर पर रहें में अमर सदा हम जिज्ञासु न रुकेंगे झुकेंगे

Hindi रहें न गम Poems